Thursday, January 5, 2017

मात पिता

माँ पुत्र  का पॆट जांचती हैं,पत्नी जॆब ।
माँ  की  ममतामययी  आँखे  मात्र पुत्र की ख़ुशी देखती है।


 उपर  जिसका  अंत  नहीँ  उसे आसमां कहते हैं , 
जहाँ  में  जसका  अंत  नही  उसे  माँ  कहते  है 
                                                                                              
जीवन  में माता  का स्थान  कोई ले सकता,
माँ अपने सपने बालक आँख में देखती है   

जिवन मे पहले गुरू कोन होता है ।
आपके माता पिता हि होते है ।

माता ममता देती है ।
पिता भविष्य देता है ।
    
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Monday, December 12, 2016

6 step to successful

पहली बात: यह समय कैसा है
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि वही व्यक्ति समझदार और सफल है, जिसे इस प्रश्न का उत्तर हमेशा मालूम रहता है। समझदार व्यक्ति जानता है कि वर्तमान समय कैसा चल रहा है। अभी सुख के दिन हैं या दुख के। इसी के आधार पर वह कार्य करता हैं। यदि सुख के दिन हैं तो अच्छे कार्य करते रहना चाहिए और यदि दुख के दिन हैं तो अच्छे कामों के साथ धैर्य बनाए रखना चाहिए। दुख के दिनों में धैर्य खोने पर अनर्थ हो सकता है।

दूसरी बात: हमारे मित्र कौन-कौन हैं
हमें यह मालूम होना चाहिए कि हमारे सच्चे मित्र कौन-कौन हैं और मित्रों के वेश में शत्रु कौन-कौन हैं। शत्रुओं को तो हम जानते हैं और उनसे बचते हुए ही कार्य करते हैं, लेकिन मित्रों के वेश में छिपे शत्रु का पहचाना बहुत जरूरी है। यदि मित्रों में छिपे शत्रु को नहीं पहचान पाएंगे तो कार्यों में असफलता ही मिलेगी। ऐसे लोगों से भी बचना चाहिए। साथ ही, इस बात का भी ध्यान रखें कि सच्चे मित्र कौन हैं, क्योंकि सच्चे मित्रों की मदद लेने पर ही सफलता मिल सकती है। यदि गलती से मित्र बने हुए शत्रु से मदद मांग ली तो पूरी मेहनत पर पानी फिर सकता है।

तीसरी बात: यह देश कैसा है
यह देश कैसा है यानी जहां हम काम करते हैं, वह स्थान, शहर और वहां के हालात कैसे हैं। कार्यस्थल पर काम करने वाले लोग कैसे हैं। इन बातों का ध्यान रखते हुए काम करेंगे तो असफल होने की संभावनाएं बहुत कम हो जाएंगी।
चौथी बात: हमारी आय और व्यय की सही जानकारी
समझदार इंसान वही है तो अपनी आय और व्यय की सही जानकारी रखता है। व्यक्ति को अपनी आय देखकर ही व्यय करना चाहिए। जो लोग आय से अधिक खर्च करते हैं, वे परेशानियों में अवश्य फंसते हैं। अत: धन संबंधी सुख पाने के लिए कभी आय से अधिक व्यय नहीं करना चाहिए। आय से कम खर्च करेंगे तो थोड़ा-थोड़ा ही सही पर धन संचय हो सकता है।

पांचवीं बात: मैं किसके अधीन हूं
हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमारा प्रबंधक, कंपनी, संस्थान या बॉस हमसे क्या चाहता है। हम ठीक वैसे ही काम करें, जिससे संस्थान को लाभ मिलता है। यदि संस्थान को लाभ होगा तो कर्मचारी को भी लाभ मिलने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
अंतिम बात: मुझमें कितनी शक्ति है
अंतिम बात सबसे जरूरी है, हमें यह मालूम होना चाहिए कि हम क्या-क्या कर सकते हैं। वही काम हाथ में लेना चाहिए, जिसे पूरा करने का सामर्थ्य हमारे पास है। यदि शक्ति से अधिक काम हम हाथ में ले लेंगे तो असफल होना तय है। ऐसी परिस्थिति में कार्य स्थल और समाज में हमारी छबि पर बुरा असर होगा।

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Sunday, December 11, 2016

God

God

12/10/2016

       What Is God?

As we suppose that who have power to change the word
in a second that is god. In older time Human believe That
                    Lighting, Rain, Sun,Moon,Fire etc.

    That event man knows that this one is God because     This all Event main have power to destroy or help full for live  

But

Now a days human believe many God and we have many name of God.
                                                                               But
I thing  That God is only.
That was true
live in true life
live like Tight.

 What Energy have in the world
 live with you so believe in true.

            Eyes never maked beautifully without tear,
                   Happiness values come from pain,
            

             Get everything by marking wish,
           Not remain God values in the world.


                            I have a question for you ?

Why hindu believe that in sugarcane God laxmi live ? 

Comment below 
       
                                                                                                                 visit my channal
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